वो जो एक लम्हा है,
मैं हर कहीं तलाशता हूँ।
वो जो खुशनुमा सा एक मंज़र,
मैं हर जगह देखता हूँ।
है इक चेहरा जिसको मैं,
रातों के तारों में तकता हूँ।
चंद लफ़्ज़ों में कैसे बता दूँ,
तुझसे कितना प्यार मैं करता हूँ।
रहता हूँ खोया तेरी यादों में,
बेचैन सा अपने ही सवालों में।
आ जाती है लबों पर मुस्कान,
पाता हूँ जब तुझे अपने ख्यालों में।
नशा जितना तेरे ख्वाबों का है,
है नहीं वो किसी मय के प्यालों में।
तेरी छुअन को अपनी रूह में,
उतारकर महसूस करता हूँ।
चंद लफ़्ज़ों में कैसे बता दूँ,
तुझसे कितना प्यार मैं करता हूँ।
बारिश की बूंदें हों या सूरज की तपिश,
रहनुमा बनकर छाई तो तू ही मुझपर।
सब कुछ पाने की जिद या सुकून का एहसास,
खुशियाँ हज़ार बरसाई तो तूने ही मुझपर।
तेरा ही रंग, तेरा ही संग रहा हर वक़्त,
मेरे जिस्म की परछाई बनके समाई मुझपर।
सुबह-शाम, अब न कोई काम,
बस तेरा नाम लिया करता हूँ।
चंद लफ़्ज़ों में कैसे बता दूँ,
तुझसे कितना प्यार मैं करता हूँ।
#तरु
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