Contributors

Thursday, 20 April 2017

वो हो तुम!! ❤❤

वो हो तुम!!  ❤❤

आँखें खोल के जब देखूं,
रोशन जिससे मेरी हर सुबह हो!
पहली किरण की, चमकते उजाले की
वो ख़ुशनुमा सुबह हो तुम!

छूने से जिसके खिल जाऊँ मैं,
जैसे हवा छूती है नयी कोपलों को!
हर पल हर लम्हा मौजूदगी है तुम्हारी,
ऐसी हवा का झोंका हो तुम!

सुकून के दो पल जो खोजें,
जिस साये के नीचे आँख बंद हो!
हर मौसम, हर हाल में जो साथ हो
ऐसी खूबसूरत एक छाँव हो तुम!

रात अँधेरी हो या हो चाँदनी से भरी,
टिमटिमाते, झिलमिलाते हो तारे!
आगोश में तुम्हारे फिर सो जाऊँ,
ऐसी शब की लम्हा हो तुम!

अकेला हूँ या रहूँ हरदम भीड़ में,
पास रहूं या तुमसे कई मीलों दूर!
खिलता रहूँ तुम्हें याद करके,
साँसों से जुडी वो खुश्बू हो तुम!

जिंदगी और वक़्त चलते रहे,
हम छोड़ें न एक दूसरे का साथ!
कर नहीं सकता कोई तुमसे दूर,
जीने की ऐसी वजह हो तुम!

#taru

No comments: